केदारनाथ यात्रा करने का प्रक्रिया

केदारनाथ यात्रा करते समय कुछ महत्वपूर्ण बाते जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए

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केदारनाथ यात्रा (kedarnath yatra) करने के प्रक्रिया मे आपको कुछ खास चीज़ों को ध्यान मे रखना परता है, जिस से आपके यात्रा मे कोई दिकत न हो, जैसे आपको पंजीकरण करना होता है, जिस से आप केदारनाथ यात्रा कर सके, पंजीकरण करने के लिए आपको आधार कार्ड की बुनियादी बाते बतानी होगी, जैसे आपका नाम ,पता, और और आपका जन्मतिथि जिस से आपके उम्र का पता चल सके, क्योकि केदारनाथ यात्रा करना एक काफी मुसकिल काम है, जिसके लिए आपका उम्र का पता होना बहुत जरूरी होता है, अगर आपकी उम्र बहुत ज्यादा है, तो आपको यात्रा करने से पहले ही सरकारी विभाग वाले इंकार कर देते है पर अगर आप केदारनाथ यात्रा करना ही चाहते हो तो आपका वो लोग ज्यादा ध्यान रखते है , जैसे आपको आराम की जरूरत होगी तो वो लोग आपके लिए कुछ इंतज़ाम करेंगे, और फिर आपकी यात्रा आगे बढ़ाएगे।  

अगर आप अपना पंजीकरण खुद से करना चाहते हो बिलकुल कर सकते पर अगर आपको नही पता है तो इसके लिए बहुत सारी कंपनी है, जो आपका पंजीकरण करा देते है, और सब जानकारी सीधा सरकार के पास जाती है।  

अगर आप खुद से केदारनाथ यात्रा करते हो तो आपको खुद से पंजीकरण करना परता है, लेकिन आपको पंजीकरण करना अनिवार्ये है, क्योकि आप बिना पंजीकरण किए हुए, आप केदारनाथ यात्रा नही कर सकते हो। 

केदारनाथ यात्रा करने के पंजीकरण करने का नियम 2013 के भयंकर प्रलय के बाद हुआ था, क्योकि अगर ये दोबारा आए तो सरकार ये पता लगा सके तो कितने भक्त यात्रा करने गए, थे और कितने को बचा लिए गया है, और कितने को बचाना है, इस से काफी मदद मिल जाती है हमारे सरकार  को, पंजीकरण आप सरकारी वैबसाइट से भी करा सकते हो।  

अगर आप किसी कंपनी की ओर से जाते हो, तो आपका सारा काम वो कंपनी वाले कर के देते है, जिस से आपका काम घर बैठे-बैठे हो जाता है, क्योकि सरकारी वैबसाइट से पंजीकरण करने मे काफी तकलीफ आती है, जो कंपनी वाले आराम से कर लेते है, क्योकि उनका यही काम ही है, जो उनको बहुत अच्छे से आता है, की कोन सी जानकारी कहा देनी है, इस वजह से वो पंजीकरण का काम बारे आराम से कर लेते है। 

केदारनाथ यात्रा करने के लिए आपका स्वास्थ्य का ठीक होना बहुत महत्व रखता है, क्योकि केदारनाथ यात्रा करने समय आपको बहुत ही दुर्गम चढ़ाई करनी परती है, जिस मे आपकी तबीयत का बहुत बड़ा भूमिका रहती है, अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई भी दिकत है, तो आप जिसके साथ भी जा रहे हो हो उसको अपनी सारी दिकत पहले ही बता दो ताकि वो अपना सब इंतजाम कर ले और आपको रास्ते के दौरान आपको कोई भी दिकत न हो, केदारनाथ यात्रा के दौरान आपको रास्ते मे डॉक्टर भी मिल जाएगे जो की आपके स्वास्थ्य के खराब होने पे आपको जल्द-से -जल्द आपको मदद देगे, इसलिए आपको अपने जानने वाले को पहले से ही बता देना चाहिए ताकि आपके साथी डॉक्टर को बता सके की आपको क्या-क्या समस्या है।  

अगर आप कोई कंपनी के साथ यात्रा करने जा रहे हो तो आपको अपने स्वास्थ्य के बारे मे उन्हे भी पूरी जानकारी दे देनी चाहिए, ताकि कंपनी आपको एक अच्छी सेवा दे सके जिस से आप अपना यात्रा अच्छे से कर सको, और कंपनी आपके केदारनाथ यात्रा की कीमत (kedarnath yatra cost) ज्यादा नही माँगती है, क्योकि वो आपके जान से ज्यादा कीमत नही मांगते है, वो लोग भी अपनी जान को खतरे मे डाल कर आपकी जान बचाने के लिए आगे जा कर देखते है, की रास्ता ठीक है न, कोई पहाड़ नही गिर रहा है ना, और उसके बाद ही आपको आगे बढ्ने के लिए बोलते है, और कंपनी वाले की जान को बचाने के लिए हमारे देश के जवान हमेशा आपको दिख जाएगे, और सब मिल कर आपके केदारनाथ यात्रा को सफल बनाते है। 

केदारनाथ मंदिर वर्ष के पूरे माह नही खुले होने के कारण यहा एक बार मे ही भक्त की शंख्या लाखों तक तक चली जाती है, जिसके कारण भक्त को केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने मे बहुत दिकत आती है, जैसे उन्हे रहने के लिए कमरा नही मिलता है, क्योकि वहा के होटल वाले बहुत पैसे मांगते है, इसके कारण भक्त केदारनाथ यात्रा पैकेज (kedarnath yatra package) का उपयोग करना ज्यादा पसंद करते है, जिनसे उन्हे अपनी केदारनाथ यात्रा मे ज्यादा दिकत का समाना नही करना परता है, और भक्त अपने भगवान शिव के भक्ति मे अच्छे से विलीन हो जाते है । 

केदारनाथ मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बाते

केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले के गढ़वाल क्षेत्र के हिमालय के गोद मे छुपा हुआ है, जिसे हमलोग देवभूमि के नाम से जानते है, केदारनाथ मंदिर (kedarnath temple) के निर्माण के पीछे की एक कथा के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पांडव ने की थी, क्योकि उन से बहुत बड़ा पाप हो गया था, जिसका प्रायश्चित करने के लिए पांडव ने भगवान श्रीकृष्ण के सुझाव पे  केदारनाथ मंदिर का निर्माण करवाए थे, जिसके कई वर्षो के बाद आठवी शताब्दी मे आदि शंकर्यचर्या ने केदारनाथ मंदिर का निर्माण दोबारा किए थे, और बाद मे उन्होने वही समाधि ले लिए थे, जो की कई वर्षो के बाद भक्तो ने वही उनका समाधि का स्थापना करवा दिया गया था, जिसे आज हमलोग आदि शंकर्यचर्या समाधि के नाम से जानते है, केदारनाथ यात्रा को हमलोग स्वर्ग की यात्रा से भी संबोधित करते है, जो सही भी है, क्योकि पांडव ने भी स्वर्ग जाने के लिए यही से रास्ता लिए थे, और स्वर्ग की ओर गए। 

केदारनाथ यात्रा के दौरान आपको बहुत से मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है, जो की आपका मन पूरी तरह से मोह लेता है, इसकी सुंदर-सुंदर वादिया और ताजी हवाइए आपके चहरे को स्पर्श कर के जाता है, तो आपका शरीर पूरी से खिल उठता है, केदारनाथ यात्रा की जिसने भी स्वर्ग की यात्रा बोला है, उसने बिलकुल ही सही बोला है।       

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