भारत देश मे स्थित उत्तराखंड राज्य मे भगवान शिव के मंदिर
भारत देश मे स्थित उत्तराखंड राज्य जिसे हमलोग देवो की भूमि भी कहते है, “देवभूमि” जहा पे कभी अनेक देवी और देवतावों का बशेरा हुआ करता था, वो आज के समय मे पर्यटक स्थल बन चुका है, जहा हर साल लाखों की शंख्या मे भक्तो की भीड़ उमर कर आती है, क्योकि यहा मौजूद सभी मंदिर पूरे वर्ष खुले नही होते है, जो की केदारनाथ मंदिर उन मे से एक है, केदारनाथ मंदिर केवल 6 माह के लिए खुले होते है, केदारनाथ मंदिर अक्षय त्रितया से खुलती है जो की भाई दूज के अवसर पे बंद हो जाती है, बाकी के माह यहा के मौसम अनुकूल नही होते है, इसलिए ये मंदिर बाकी के दिनों के लिए बंद रहती है, उत्तराखंड मे मौजूद मंदिर ज्यादातर भगवान शिव को समर्पित है, क्योकि भगवान शिव के द्वारा यहा बहुतों का उद्धार हुआ है, इसलिए यहा आपको भगवान शिव के भक्त बहुत सारे देखने को मिल जाएगे, इस जगह पे बारे मे आज के समय मे आपको बहुत सारी फ्लिम, गाने, और नाटकों मे बहुत सी चीज़ों के बारे मे बताते है, जैसे एक गायक ने गाने के माध्यम से इस की महानता बताई है, “देवभूमि” के नाम से ये गाना आपको सुनने को मिल जाएगा। इस लेख मे आज हम उत्तराखंड के कुछ प्रमुख भगवान शिव के मंदिरो के बारे मे जानेगे।
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र मे हिमालय के गोद मे, जो की समुद्र के स्तर से लगभग 3582 मिटर की उचाई पे स्थित है, जो की हिन्दू धर्म के पवित्र स्थलो मे से एक प्रमुख स्थल, जो की 12 ज्योतृलिंगा, पंच केदार, दो धाम यात्रा, चार धाम यात्रा के महत्वपूर्ण मंदिरो मे से एक है, जहा पे हर साल भक्त की शंख्या हजरों- हज़ार तक चली जाती है, जिस कारण भक्तो को केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) के दौरान काफी मुसीबतों का सामना करना परता है, इसलिए भक्त अपने यात्रा को मंगलमय बनाने के लिए केदारनाथ टूर पैकेज (Kedarnath Tour package) का उपयोग करना पसंद करते है, जिनसे उनके रहने, खाने और मार्गदर्शक करने की सुविधा प्राप्त होती है, जिन से उन्हे अपनी यात्रा मे ज्यादा संकट का सामना नही करना परता है।
केदारनाथ यात्रा की अपनी अलग मान्यता है, जो की उनके चमत्कारों से पूर्णपरित है, ऐसा माना जाता की ये मंदिर आज भी जब 6 माह के लिए बंद होता है, तो यहा भगवान शिव भ्रमण करने के लिए आते है। और भी बहुत सारी कथा कहती है, ये मंदिर जैसे आठवी शताब्दी मे भगवान शिव खुद आदि शंकराचार्य के रूप मे आए थे, और केदारनाथ मंदिर का दोबारा निर्माण किए थे, और वहा उनका समाधि भी बना हुआ है, जो की आदि शंकराचार्य समाधि के नाम से प्रचलित है।
गोपीनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के गोपेश्वर मे स्थित है, ये मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है, जो हिन्दुवों के पवित्र स्थलो मे से एक स्थल है, ये मंदिर भी पाँच केदार के बाकी मंदिरो की तरह ही पवित्र मंदिर है, गोपीनाथ मंदिर प्रसिद्ध कथा यह है की, यहा मौजूद त्रिशूल जो की अलग- अलग आठ धातुवों से बनाया हुआ है, जो की पिछले कई वर्षो से यही लगा हुआ है जिस मे आज तक जंग भी नही लगा है, भक्तो का मानना है, की ये भगवान शिव के चमत्कारों मे से एक है, जिस त्रिशूल को आज तक कोई नही हिला सका है, ऐसा माना जाता है, की ये त्रिशूल को केवल भगवान शिव का सच्चा भक्त ही हिला सकता है, इस मंदिर का निर्माण 9वीं और 11वीं शताब्दी मे यहा के शासन करने वाले राजा कत्यूरी ने कारवाई थी, इसके मंदिर के बाहर आपको कोई मूर्ति के टूटे हुए अवशेस मिल जाएगे जिस से ये पता चलता है, यहा और भी मंदिरो का वाश था, पर यहा के युद्ध मे सारे मंदिर नष्ट हो गए।
इस मंदिर के के शीश के उपर एक गुमद बना हुआ है, और इसका गर्भगृह लगभग 30 वर्ग फूट है, जिसमे जाने के लिए 24 द्वार है।
रुद्रनाथ मंदिर भारत देश के उत्तराखंड राज्य के चमोली जिला के गढ़वाल क्षेत्र मे हिमालय पे समुद्र के स्तर से लगभग 3600 मिटर के उचाई पे स्थित ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो की हिन्दू धर्मो के पवित्र स्थलो मे से एक प्रमुख स्थल है, रुद्रनाथ मंदिर पाँच केदार के मंदिरो मे से एक महत्वपूर्ण मदिर है, जो की पांडव द्वारा निर्माण किया गया है, पांडव अपने पापो का प्रायश्चित करने के लिए पंच केदार मंदिर का निर्माण किए थे, यहा भगवान शिव का एकानन यानि मुख की पुजा, अर्चना की जाती है, जो की भगवान शिव का रौद्र रूप का प्रतीक है।
रुद्रनाथ का ट्रेक कठिन ट्रेकों मे से एक है, इस ट्रेक मे आपको बहुत कुछ नया देखने को मिलता है, जैसे शुद्ध वातवर्ण शुद्ध हवा और भी बहुत कुछ इस मंदिर का निर्माण पथरों से हुआ है, जो की आज तक है, यहा आपको पुंग बुग्याल के जंगलो से हो कर गुजरते हो जिसके और आगे जाने पर आपको खड़ी चोटी देखने को मिलती है, जिसको आपको अपना पूरा गर्दन उपर उठा कर देखना परता है, जिस से आपके सर की टोपी ज़मीन पे गिर जाती है, ये सुंदर दृश्य केवल आपको यही देखने को मिलती है।